Computer vision syndrome in hindi
Computer vision syndrome in hindi – आज की फास्ट लाइफ स्टाइल में कंप्यूटर बहुत ही महत्वपूर्ण भाग बन गया है। 21वीं सदी में तो कंप्यूटर के बिना कोई काम होता ही नहीं है।
जो लोग ऑफिस में काम करते हो। जिनका आईटी का job हो, उन लोगों को दिनभर कंप्यूटर स्क्रीन के आगे ही बैठना पड़ता है। कुछ लोग ज्यादा टीवी देखते हैं। कुछ बच्चे या फिर लड़के, लड़कियां बहुत देर रात तक मोबाइल पर टाइम बिताते हैं। मोबाइल पर गेम खेलते हैं, सोशल मीडिया पर टाइम बिताते हैं, वीडियो देखते हैं।
इन सब वजहों से 21वीं सदी में एक नई बीमारी ने जन्म लिया है। उस बीमारी का नाम है कंप्यूटर विजन सिंड्रोम। इसे डिजिटल आई स्ट्रेन भी कहते हैं।
Causes of computer vision syndrome
अब हम कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के कारण देखेंगे। ऊपर जो मैंने बताए हैं कंप्यूटर वर्क, टीवी ज्यादा देखना, मोबाइल ज्यादा देखना यह इसके मेन कारण है।
ज्यादा देर तक जब हम कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन की तरफ देखते रहेंगे, तो क्या होता है कि हम बहुत ही कम पलके झपकाते है। पलकें झपकाने से आंख नम होती है। और आँख सुखी नहीं पड़ती। लेकिन ज्यादा देर तक कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते रहने से आंख सुखी हो जाती है। यही कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का महत्वपूर्ण कारण है।
अंधेरे में ज्यादा ब्राइटनेस के साथ कंप्यूटर या फिर टीवी देखना , कंप्यूटर के बहुत ही नजदीक बैठना , अगर कंप्यूटर या टीवी स्क्रीन पर बाहर की लाइट, सनलाइट या फिर ट्यूब लाइट डायरेक्ट आती हो, तो उस उसके कारण भी यह हो सकता है। read this post in English
Symptoms of computer vision syndrome
अब हम इसके लक्षण देखेंगे। आँख दुखना, आंखों पर तनाव आना, सिर दर्द, धुंधला दिखना, चक्कर आना, डबल विजन, आंखों में सूखापन, आंखों में जलन मान और कंधा दुखना, यह लक्षण दिखाई दे तो आपको तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बचने के उपाय
हमें ज्यादा देर तक टीवी स्क्रीन के ऊपर देखना बंद करना चाहिए। हालांकि जिनका काम ही कंप्यूटर के ऊपर दिनभर होता है, ऑफिस वर्क का, उनको यह पॉसिबल नहीं है। लेकिन जो औरतें टीवी ज्यादा दिखती है। लड़के लड़कियां गेम खेलते हैं, मोबाइल देर तक चलाते हैं। उनको तो अपनी आदत बहुत ही कम करनी चाहिए।
अंधेरी में कंप्यूटर या टीवी स्क्रीन का इस्तेमाल ना करें। टीवी न देखें। ब्राइटनेस जितना कम रख सकते हैं उतना ही रखे। मोबाइल के लिए हमेशा ब्लू लाइट फिल्टर का ही इस्तेमाल करें।
जिनका ऑफिस वर्क है वह क्या करें, कि कंप्यूटर की font size अपने हिसाब से कम या ज्यादा रखें। उनके लिए 20-20-20 रूल अति महत्वपूर्ण है। वह हमेशा फॉलो करें। क्या यह है यह 2020 rule?
जब आप लगातार 20 मिनट तक कंप्यूटर पर काम करते हैं , आपको 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए आपको रेस्ट करना है। इन 20 सेकंड में आप अपने से कम से कम 20 फीट दूर वाली वस्तु देखें। आप खिड़की से बाहर भी झांक सकते हैं। यह अगर पॉसिबल नहीं है।तो 20 मिनट के बाद हर 2 मिनट तक आंख बंद करके ,कुर्सी पर ही रिलैक्स करें।
कंप्यूटर स्क्रीन पर किसी भी प्रकार की लाइट पड़ने ना दें। अगर पड़ती है तो अपनी स्क्रीन दूसरी तरफ घुमा ले।अगर AC का मुंह आपकी तरफ हो तो, उसे बदल दीजिए क्योंकि एसी से आंखें ड्राई हो जाती है।
आपकी आंखों का और कंप्यूटर स्क्रीन का अंतर कम से कम 2 फीट या फिर उससे ज्यादा होना चाहिए। और हमेशा कंप्यूटर स्क्रीन आपके आँख के लेवल से थोड़ी नीची होनी चाहिए।बार-बार पलकें झपकाते रहे।
Treatment of computer vision syndrome
बाजार में मेडिकल में moisturizing आई ड्रॉप्स यानी कि आर्टिफिशियल tear drops मिलते हैं। उसे आपको आंखों में डालना है। उसका कंटेंट है carboxymethyl cellulose।
Doses 1-1 दोनों आंखों में दिन में चार बार, कम से कम एक महीना तक डालना है।इससे भी आपको आराम ना मिले तो, प्लस 1 या फिर प्लस 1.5 पावर के ग्लास lenses से बना लीजिए। इसका रेगुलर इस्तेमाल करें और इससे भी आपको ।इससे आराम ना मिले तो अच्छे आंखों के डॉक्टर को दिखा लीजिए।
Kutta billi palne ke nuksaan computer vision syndrome in hindi explained. Stay fit stay healthy.