Indian toilet vs western toilet hindi

Indian toilet vs western toilet hindi

Indian toilet vs western toilet hindi – हम बरसो से इंडियन स्टाईल टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे है । पर हाल ही के कुछ सालो मे वेस्टर्न टॉयलेट इसे कमोड भी बोला जाता है इसका इस्तेमाल बडा है ।

बहुत सारे मन मे यह सवाल आते है की हम घर मे वेस्टर्न टॉयलेट बिठाये या नही ? हमारे लिए कौन सा बेस्ट रहेगा ? इंडियन टॉयलेट या फिर कमोड तो आज के इस आर्टिकल में आपको इसका क्लियर जवाब मिल जायेगा ।

इंडियन टॉयलेट और कमोड दोनो की कुछ कमिया भी है और कुछ खासियत भी है । तो हमारे लिए कोनसा अच्छा रहेगा यह जाने के लिए इन दोनो प्रकार के टॉयलेट की कमी या और खुबिया जानना बेहद जरुरी है ।

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इंडियन टॉयलेट की पहली खुबी यह है की इसके हम आदी हो चुके है और जिस चीज के हम आधी होते है वह हमे अच्छी लगती है इंडियन टॉयलेट के खर्चे कमोड के मुकाबले कम आते है

एक रिसर्च मे ऐसा पाया गया है कि इंडियन टॉयलेट इस्तेमाल करने वालों मे constipation यांनी मलावरोध की समस्या कम पायी जाती है ।

क्युकी इंडियन टॉयलेट पर बैठने की जो अवस्था है उससे हमारे पाचन संस्था पर प्रेशर आ जाता है। इसे मल निसारण जल्दी से होता है।

ऐसा पाया गया है कि इंडियन टॉयलेट इस्तेमाल करने वाले टॉयलेट के लिए सिर्फ तीन से पाच मिनिट ही लेते है ।

और आपको पता है की कॉन्स्टिपेशन ही हर बिमारी की जड है । याने इंडियन टॉयलेट हमारी सेहत के लिए अच्छा है ।

अगर इंडियन टॉयलेट की खामिया देखे तो इसका एक ही सबसे बडी खामी है की अगर किसी का वेट जादा है और घुटनो मे दर्द है और सुजन है तो बैठने और उठने बहुत ज्यादा तकलीफ होती है और इस से घुटनो की बिमारी जादा होती है ।

कमोड की खुबिया देखे तो यह घुटना दर्द और सुजन वाले पेशंट को बेस्ट है। ओवरवेट पेशंट को भी अच्छा है।

इससे घुटना दर्द नही करता । उठणे बैठने मे कोई प्रॉब्लेम नही आती । covid 19 return in India.

लेकिन कमोड की खामिया भी है कमोड के रेगुलर इस्तेमाल से कॉन्स्टिपेशन होता है । Veg manchow soup hindi.

स्टडी मे यह पाया गया है कि, कमोड के इस्तेमाल से टॉयलेट साफ होने मे सरासर सात आठ मिनिट का टाइम लगता है ।और आपको पता ही है कि कॉन्स्टिपेशन हर एक बिमारी की जड है ।

इसका मतलबी है कि कमोड का इस्तेमाल हमारे सेहत के लिए कुछ खास अच्छा नही है और एक बात टॉयलेट करते वक्त टॉयलेट सीट का हमारे त्वचा से संपर्क आता है ।

टॉयलेट सीट पर लाखो करोडो के bacteria होते है और इससे इन्फेक्शन का खतरा बढता है ।

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तो फायनल आन्सर क्या है हमे इंडियन टॉयलेट इस्तेमाल करना चाहिये या कमोड लगवाना चाहिए ? तो इसका जवाब है कि इंडियन टॉयलेट ही सबके लिए बेस्ट है हमे इंडियन टॉयलेट काही इस्तेमाल करना चाहिए ।

सिर्फ अगर आपके गुठनो मे दर्द हो , या फिर सुजन हो , अगर आपको उठणे बैठने में तकलीफ हो और अगर घर मे बुजुर्ग हो तभी आपको कमोड का इस्तेमाल करना चाहिए ।

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