Same blood group marriage problems in hindi

Same blood group marriage problems in hindi

    same blood group marriage problems in hindi  – नमस्कार दोस्तों मेरा नाम डाॅ योगेश महाडीक, डिग्री B.A.M.S. ,ये मेरा पहला ब्लाॅग है आशा करता हूँ आप को पसंद आयेगा। शादी के लिये ब्लड ग्रुप कौनसा होना चाहिए।
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         आजके इस ब्लॉग का विषय है की शादी के लिये लडका लडकी का ब्लड ग्रुप कौनसा होना चाहिए,  दोनों का ब्लड ग्रुप एक हो तो चलता है या नहीं चलता है, या फिर होने वाले बच्चों में प्रोब्लम आ सकती है?  

           अभी शादी ब्याह का सीजन चल रहा है। कई लोग शादी के लिए लड़का लड़की देख रहे हैं। इसी विषय पर बहुत सारे लोग हमारे क्लीनिक पर आते हैं और अब हमसे पूछते हैं। कि लड़के का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है और लड़की का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव है या फिर कोई भी दूसरा है तो हमको शादी करनी चाहिए या फिर नहीं।


 बहुत सारे लोगों के मन में यह डाउट होता है कि अगर दूल्हा और दुल्हन का ब्लड ग्रुप सेम हो तो शादी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि पंडित जी उन्हें यही बताते हैं कि एक नाड़ी में ब्याह नहीं करना चाहिए। तो चलिए पूरा सच जान लेते हैं।

       Types of blood group

  पहले तो मैं आपको एक बात बता दू  कई लोगों को तो यह बात पता भी होगी के ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं।  मेन ली ब्लड ग्रुप चार प्रकार के होते हैं ए, बी , एबी और o।  और हर एक ब्लड ग्रुप में दो प्रकार होते हैं। आरएच पॉजिटिव और आरएच नेगेटिव। अब हमारे टोटल ब्लड ग्रुप आठ प्रकार के हो जाते हैं ए पॉजिटिव ए नेगेटिव बी पॉजिटिव बी नेगेटिव एबी पॉजिटिव एबी नेगेटिव और ओ पॉजिटिव ओ नेगेटिव।

Same blood group marriage problems in hindi

          पहली और महत्वपूर्ण बात की दूल्हे का ब्लड ग्रुप 8 में से कोई सा भी हो तो शादी में कोई भी प्रॉब्लम नहीं आती।  प्रॉब्लम लड़की के ब्लड ग्रुप में होती है। लड़की का ब्लड ग्रुप अगर आरएच नेगेटिव हो तो ही यह प्रॉब्लम होती है। यानी कि ए नेगेटिव बी नेगेटिव एबी नेगेटिव और ओ नेगेटिव। 


अगर लड़की का ब्लड ग्रुप आरएच पॉजिटिव हो तो कोई भी प्रॉब्लम शादी में नहीं आती। यानी कि ए पॉजिटिव बी पॉजिटिव एबी पॉजिटिव और ओ पॉजिटिव वाली लड़की किसी भी लड़के के साथ शादी कर सकती है। उनके शादी में प्रॉब्लम नहीं आती और बच्चों में भी कोई प्रॉब्लम नहीं आती। 


सिर्फ लड़की का ब्लड ग्रुप आरएच नेगेटिव और लड़के का आरएच पॉजिटिव हो तभी प्रॉब्लम आती है। मानो अगर लड़की का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है और लड़के का बी पॉजिटिव, या फिर लड़की a नेगेटिव है और लड़का एबी पॉजिटिव तभी प्रॉब्लम आएगी।


  प्रॉब्लम कहां आती है तो प्रॉब्लम दूसरी बच्चे में आती है। उनका पहला बच्चा बिल्कुल ही स्वस्थ और तंदुरुस्त होता है उसमें कोई जेनेटिक डिफॉरमेटी नहीं आती। दूसरे बच्चों में क्या होता है कि दूसरा बच्चा अगर आरएच पॉजिटिव हो तो उसको मां के द्वारा बनाए गए anti rh  एंटीबॉडीज का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से दूसरे बच्चे में ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स और हीमोफीलिया जैसी कंडीशन आती है।

       पर अभी इसके लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि साइंस अभी बहुत डेवलप हो चुका है। और शास्त्रज्ञ ने इसके ऊपर सोल्यूशन निकाल लिया है। अगर मां अपने पहले बच्चे के वक्त प्रेगनेंसी में सातवें माह में आरएच इम्यूनोग्लोबुलीन का इंजेक्शन लगवा ले, तो एंटी आरएच एंटीबॉडी मां के शरीर में तैयार नहीं होगी। और दूसरा बच्चा भी सेफ हो जाएगा। 

  लड़की का ब्लड ग्रुप कौन सा भी नेगेटिव और लड़के का ब्लड ग्रुप भी नेगेटिव हो यानी लड़की ए नेगेटिव और लड़का ओ नेगेटिव हो तो उनके बच्चों में कोई भी प्रॉब्लम नहीं आती।

Final conclusion 

         तो blog का सार यही है कि आपको शादी में लड़का लड़की के ब्लड ग्रुप का कोई भी टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। कोई भी ब्लड ग्रुप वाली लड़की किसी भी ब्लड ग्रुप वाले लड़के से शादी कर सकती है। और होने वाले बच्चे भी बिल्कुल ही स्वस्थ और तंदुरुस्त होंगे।    उनमें कोई भी डिफेक्ट या फिर जेनेटिक एब्नार्मेलिटी नहीं होगी।

सिर्फ आपको प्रेगनेंसी के वक्त डॉक्टर को अपने ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी देनी होगी। बाकी का जो काम है आरएच इम्यूनोग्लोबुलीन का वो डॉक्टर देख लेंगे । आशा करता हूं आपके पूरे डाउट्स क्लियर हो चुके होंगे नमस्कार। blood group for marriage in hindi ।
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