Mansik rog ke lakshan

Mansik rog ke lakshan

Mansik rog ke lakshan – बीमारी बीमारियां दो प्रकार की होती है। एक शारीरिक बीमारी दूसरी मानसिक बीमारी । शारिरीक बीमारियों के बारे में आपको पता ही है । अक्सर लोग उस पर ध्यान देते हैं । लेकिन मानसिक बीमारी यानी मेंटल इलनेस के बारे में बहुत सारे लोगों को पता भी नहीं है । और अगर जो कुछ भी लोग इसके बारे में जानते हैं वह मानसिक बीमारी के ऊपर ध्यान नहीं देते।

मानसिक बीमारियां शारीरिक बीमारियों से बहुत ही खतरनाक होती है । क्योंकी शारीरिक बीमारियां अगर आप ट्रीटमेंट नहीं भी ले, डॉक्टर को नहीं भी रेखायें तब भी वह ठीक हो सकती है। लेकिन मानसिक बीमारियों का ऐसा नहीं है। आपको डॉक्टर को दिखाना ही पड़ेगा ट्रीटमेंट लेनी पड़ेगी। नहीं तो वह बीमारियां बढ़ती ही चली जाती है।

तो मानसिक बीमारियों के बारे में जानना, उसके लक्षण समझना आपके लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि अगर यह लक्षण आप में हो, या फिर आपके परिजनों में, फ्रेंड्स में दिखाई दे। तो आपको जल्दी ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए । क्योंकि आप मानसिक बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। mansik rog ke lakshan । मानसिक रोगों के लक्षण ।

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Mansik rog ke lakshan । मानसिक रोग के लक्षण

कुछ लोग बार-बार हाथ धोते हैं। कुछ लोग बार-बार लॉक लगाते हैं लॉक निकलते हैं। फिर लगाते हैं फिर निकलते फिर लगाते है, बार-बार लॉक को खींचकर वह सही तरह से बैठा है कि नहीं यह देखते हैं। कुछ लोग जूते के बारे में ऐसा करते हैं । यह सिंपल सिंपल लक्षण है लेकिन इन पर ध्यान देना जरूरी है।

Hallucinations- जो चीज रियल में नहीं होती , वैसा उस पेशेंट को रियल में लगती है । यानी जो चीज नहीं है वही उनको असलियत लगती है । वह अपने भ्रम की दुनिया में खोए हुए होते हैं। hallucinations यानी भ्रम होना। कुछ लोगों को भूत दिखाई देते हैं । कुछ लोगों को अपना फ्रेंड या फिर अपने परिजन वाले दिखाई देते हैं। वह लोग उनसे बोलते भी है। दूसरे नॉर्मल लोगों को वह नहीं दिखाई देते।

कोई मुझे मारने वाला है, कोई मुझे मारेगा, खून करेगा ऐसा लगता है। कुछ लोग कहते कि मेरे पास जादुई पावर आ गई है । अब मैं कुछ भी कर सकता हूं। इस विश्वास में वह छठी मंजिल पर जाते हैं और छठी मंजिल से छलांग लगा देते हैं।

इंसान बहुत ही अकेला, अकेला पड़ जाता है। वह बहुत ही उदास रहने लगते हैं। अपने फ्रेंड से या फिर रिलेटिव्स के साथ नहीं जाते। कोई भी फंक्शन में नहीं जाते । किसी से मिलते जुलते नहीं और सिर्फ अकेला ही रहना पसंद करते हैं ।

कन्फ्यूजन – वह हमेशा ही कंफ्यूज रहते हैं। अपने निर्णय पर वह फर्म नहीं रहते । उन्हें अभी लगता है कि मैंने यह करके गलत काम किया मुझे दूसरा निर्णय ले लेना चाहिए था। वह दूसरा निर्णय लेते हैं और फिर बाद में कहते हैं कि मेरा पहला निर्णय सही था । मैने दूसरा निर्णय लेकर गलती की।

लॉस ऑफ कंसंट्रेशन – उनका कोई भी काम करने में मन नहीं लगता। काम करते वक्त वह सदा इधर उधर देखते रहते हैं । उनको एक प्रकार का गिल्ट हमेशा ही मन में रहता है। अपराधी पन की भावना रहती है । मेरी वजह से इसको यह हुआ, मेरी वजह से एक्सीडेंट हो गया, मेरी वजह से फाइनैंशल लॉस हो गया इसका गिल्ट रहता है।

इंसान बहुत ही डरपोक हो जाता है। छोटी-छोटी चीजों से वह डरता रहता है। वह हमेशा घबराया हुआ ही रहता है । या फिर कुछ लोगों को हमेशा चिंता सताती रहती है और टेंशन में रहते हैं।

Mood swings- मूड अचानक से बदलता रहता है। मूड कब खराब हो जाए यह कुछ कह नहीं सकते । अभी वह ठीक होते हैं, नॉर्मल बोलते रहते हैं और अचानक से सॅड हो जाते हैं, अचानक से वायलेंट violent हो जाते हैं । अचानक से हंसने लगते हैं अचानक से रोने लगते।

सुसाइडल टेंडेंसी – suicidal tendency- उनके मन में आत्महत्या यानी सुसाइड करने का ख्याल आता है। वह अपने परिजनों को या फिर फ्रेंड्स को बोलते भी है कि मैं सुसाइड करने वाला हूं।

अचानक से शांत इंसान गुस्सैल हो जाता है। वह वायलेंट हो जाता है । तोड़फोड़ करने लगता है । और नॉर्मल गुस्सेल इंसान भी अगर अचानक से शांत हो जाए, कम बोले तो भी टेंशन की बात है।

स्लीप डिसऑर्डर – टेंशन इंसान हमेशा टेंशन में रहता है। इसके कारण उसको रात को नींद नहीं आती । रात को सिर्फ 2 से 3 घंटा ही नींद आती है और वह जागे ही रहते हैं। how to remove spectacle marks in hindi ।

ऊपर के लक्षण मैंने मानसिक रोगों के बताइए हैं। यह लक्षण अगर आप में दिखाई दे तो आपको तुरंत ही साइकैटरिस्ट psychiatrist को दिखाना पड़ेगा । psychiatrist यानी मानसोपचार तज्ञ।

Mansik rog ke lakshan and mental disease symptoms in hindi explained in detail.

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