Mucormycosis in hindi

Mucormycosis in hindi

Mucormycosis in hindi – जो लोग हाल ही में कोरोनावायरस से मुक्त हुए हैं , उनको एक डर सता हमेशा ही सता रहा है की उनको लगता है कि उन्हें कहीं म्यूकरमायकोसीस तो नहीं हो जाएगा। महाराष्ट्र में मुकर माइकोसिस के 111 से ज्यादा पेशेंट पाए गए हैं । mucormycosis in hindi मतलब ब्लैक फंगस डिसीज ।

कई लोग कोविड-19 से ठीक होने के बाद ब्लैक कांग्रेस के चपेट में आ रहे हैं । एक लेडीस की तो उससे आंख भी निकालनी पड़ी और कुछ लोगों की तो इसी वजह से मौत भी हो चुकी है।

अब हम देखेंगे कि mucormycosis in hindi यह बीमारी कोविड-19 के पेशेंट में क्यों हो रही है? म्यूकरमायकोसीस कारण क्या क्या है ब्लैक फंगस डिजीज के लक्षण और उसके ट्रीटमेंट भी मैं अब मैं आपको बताऊंगा।

What is mucormycosis in hindi

म्यूकार्माइकोसिस एक फंगल डिसीज यानी फंगस की बीमारी है । जैसे की दाद खाज खुजली है । लेकिन यह बहुत ही बहुत भयंकर है । इसका डेथ रेट 50 परसेंट से 90% तक है।

म्युकरमायकोसीस के कारण

लो इम्यूनिटी इसका सबसे बड़ा कारण है। low immunity यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी । किन पेशेंट में यह low immunity होती है? एचआईवी और एड्स के पेशेंट और कैंसर पेशेंट में यह होती है।

मधुमेहही डायबिटीज वाले लोग, जिनका हाल ही में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया गया है । उनको इम्यूनोसपरेसिव ड्रग immunosuppressive drugs शुरू होते हैं । जैसे कि किडनी ट्रांसप्लांट, लिवर ट्रांसप्लांट, स्किन ग्राफ्टिंग etc.

ऊपर के सभी लोगों में immunity होती हो है और वह मुकर मायकोसिस के शिकार होते हैं। लेकिन कोविड-19 के बाद यह बीमारी क्यों फैलने लगी है ?

कोविड-19 ने के बाद उसे ठीक करने के लिए स्टेरॉयड का डोस बहुत दिनों तक दिया जाता है । साथ ही साथ एंटीबायोटिक और एंटीवायरल ड्रग्स इंजेक्शन inj. Remdesivir and tab. Fabiflue यह दिए जाते हैं। इसी वजह से बैक्टीरिया और वायरस पूरी तरह से मर जाते हैं । और फंगल ग्रोथ होने के लिए जगह बन जाती है ।औषधि का भडीमार होने से इम्यूनिटी कम हो जाती है और म्यूकार्माइकोसिस के लोग शिकार होने लगे हैं।

Mucormycosis symptoms in hindi । ब्लैक फंगस डिसिज के लक्षण

ब्लैक फंगस साइनस में ब्रेन में और lungs में ज्यादा attack करता है । उनको इनफेक्ट infect करता है । अगर ब्रेन को इनफेक्ट करता हो तो पैरालिसिस , वन साइडेड वीकनेस, चेहरा सूजना ; चक्कर आना यह लक्षण दिखाई देते हैं। अगर फेफडों में इंफेक्शन गया हो, तो धाप लगना, छाती में दुखना, सांस लेने में तकलीफ होना यह लक्षण दिखते हैं।

हाल ही में जो इंडिया में म्यूकार्माइकोसिस के पेशेंट पाए गए हैं । वह साइनस इनफेक्शन के हैं। उसमें क्या होता है कि साइनस, आंख, आंख के नीचे की स्किन और कान इनफेक्ट हो जाता है।

उस में शुरुआती लक्षण है की, आंख लाल हो जाती है , उससे पानी आने लगता है। आंख सूज जाती है और आँख दुखती है । आँख के नीचे की स्कीम लाल हो जाती है । कान भी लाल होते हैं । जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है चेहरे की स्किन , कान काले पड़ने लगते हैं। और नाक से काला पदार्थ बाहर आने लगता है।

Diagnosis of black fungus disease

कैसे पता करेंगे कि आपको ब्लैक फंगस की बीमारी है कि नहीं ? तो इसीलिए आपका कान और आंख का स्किन का भाग swab पर लेकर उसे लैब में भेजा जाता है । उसमें अगर फंगस पाया गया म्यूकरमायकोसीस कंफर्म हो जाता है।

Treatment of mucormycosis in hindi । black fungus ka ilaj

इसके लिए जो एंटी फंगल ट्रीटमेंट दी जाती है , वह intravenous यानी नस के द्वारा दी जाती है। गोलियों का इसमें कोई भी रोल नहीं होता है और फायदा नहीं होता। लेकिन सबसे बड़ी important ट्रीटमेंट है सर्जिकल।

surgery for mucormycosis

इसमें जो जो भाग ब्लैक फंगस की चपेट में आ गया है , उसे निकालना पड़ता है । अगर ब्रेन टिशु है तो ब्रेन टिशु निकालने पड़ते है। lung infection है तो lung tissue निकालने पड़ते हैं । साइनस है तो साइनस का भाग , स्किन है तो स्किन का भाग, आँख हो तो आंख या फिर कान कुछ भी हो तो निकालना ही पड़ता है।

तभी म्यूकरमायकोसीस का फैलना बंद हो जाता है । एक तो यह बात पूरी तरह से मृत हुआ होता है। उसे रख कर भी कोई फायदा नहीं होता। पर आगे अगर रखा जाए तो वह पूरे शरीर में फैल जाता है। इसीलिए पेशेंट की जान बचाने के लिए जो जो भाग इनफैक्ट हुआ है उसे निकाला जाता है।

इसीलिए हाल ही में जो लेडीस की आंख निकाली गई उसका कारण भी यही था। W H O MEANING IN HINDI ।

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