About jaundice in hindi

About jaundice in hindi

 Jaundice symptoms and treatment 

about jaundice in hindi – जॉन्डिस इसी हिंदी में पीलिया भी कहते हैं। यह बहुत ही कॉमन सा आजार है। यह कभी भी हो सकता है और यह उम्र की सीमा नहीं रखता। यानी यह कभी भी और किसी भी उम्र में किसी को भी आ सकता है। इसका कोई स्पेसिफिक सीजन भी नहीं होता।
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    meaning of jaundice in hindi 

पीलिया आना किसे कहते हैं? पीलिया यानी पूरा शरीर पीला पड़ जाता है। आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। और पेशाब को भी पीला ही होता है। इसका कारण क्या है?   शरीर में बड़ी हुई बिलीरुबिन की मात्रा से जब शरीर पीला पड़ जाए तो उसे पीलिया यानी  जॉन्डिस कहते हैं।  आपको इस आर्टिकल में पीलिया के बारे में पूरी तरह से साइंटिफिक चीजें  चलेंगी।

   Jaundice types। पीलिया के प्रकार।

  1.infective hepatitis- इनफेक्टिव हेपेटाइटिस जब लीवर को वायरस का इंफेक्शन हो जाए तो उसे इनफेक्टिव हेपिटाइटिस कहते हैं। यह एक वायरल viral इंफेक्शन है।  वायरस का नाम है hepatitis  virus हेपेटाइटिस वायरस यह वायरस पांच प्रकार के होते हैं। hepatitis A,B,C,D&E viruses, हेपेटाइटिस ए,बी, सी,डी और ई ,  इसमें सबसे कॉमन है हेपेटाइटिस ए वायरस।


यह सबसे कम खतरनाक वायरस है। इसके इंफेक्शन से जान जाने का खतरा बिल्कुल ही ना के बराबर होता है। यह अपने आप से ही डेढ़-2 महीने में ठीक हो जाता है। लेकिन इसमें पथ पालना बहुत ही जरूरी होता है। दूसरे जो है हेपेटाइटिस बी और hepatitis  c सी , यह वायरस खतरनाक होते हैं।इससे पेशेंट की जान भी चली जा सकती है। इनका डायग्नोसिस जल्दी होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। hepatitis d & e  यह बहुत ही कम पाए जाते हैं।

    2. Obstructive jaundice- ऑब्स्ट्रक्टिव जौंडिस, हमारा लीवर bile बाइल सीक्रेट करता है, यानी निर्माण करता है। वह गॉलब्लैडर gall blader में स्टोर store किया जाता है, रखा जाता है। लिवर से गॉलब्लैडर तक बाइल को ले जाने के लिए हैपेटिक डक्ट hepatic duct और कॉमन बाइल डक्ट common bike duct होते हैं। 


यह बाइल हमारे पाचन तंत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जब hepatic duct और कॉमन बाइल डक्ट में रुकावट आ जाती है, obstruction अबस्ट्रक्शन आ जाता है। तब बाइल पूरे शरीर में फैल जाता है, ब्लड के द्वारा पूरे शरीर में फैलता है। पीलिया निर्माण करता है- ऑब्स्ट्रक्टिव जौंडिस।Obstructive jaundice के कारण है gall stones गोल स्टोंस, प्रेगनेंसी, कैंसर, इन्फेक्शन, अल्कोहल।

3.heamolytic jaundice- जौंडिस इस प्रकार में शरीर के जो आरबीसी RBC  होती है यानी लाल कोशिकाएं, उनका डिस्ट्रक्शन बहुत ही ज्यादा प्रमाण पर हो जाता है। यानी उनकी मौत ज्यादा होती है। उसके बाद वह लिवर में आ जाते हैं उनका डिग्रेडेशन  degradation करने के लिए, तब बाइल बहुत ही ज्यादा तैयार होता है।


 इसके कारण जो जॉन्डिस होता है उसे ही heamolytic जॉन्डिस कहते हैं। हेल्थी लीवर यानी हेल्थी इंसान में प्रॉब्लम ज्यादा नहीं आती। लेकिन यह न्यू बोर्न बेबी नवजात शिशु में ज्यादा पाया जाते हैं। इसका कारण इंजरी injury, ब्लीडिंग और नवजात शिशु में लिवर का कमजोर होना है।

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  पीलिया के लक्षण। piliya ke lakshan।

  1. पीलिया का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है जो आप सभी को पता है वह है। इसमें पूरा शरीर पीला पड़ जाता है। पेशाब का रंग भी एकदम पीला, या फिर गडद पीला हो जाता है। पेशेंट की आंखों का जो सफेद भाग होता है वह भी पीला पड़ जाता है। और वह सिर्फ  ब्राइट सनलाइट यानी सूर्य प्रकाश में ही अच्छी तरह से नजर आता है।

2. अगर बिलिरुबीन की मात्रा ज्यादा हो जाए तो पूरे शरीर पर खूजाता है।3.  Nausia and vomiting- एसिडिटी का एसिडिटी की बहुत ही ज्यादा तकलीफ होती है । उल्टी आने जैसे महसूस होती है, या फिर बार-बार उल्टी होती है।

4. पेट दर्द abdominal pain- राइट अप्पर क्वाड्रेंट में पेट दुखता है यानी राइट साइड में ऊपर का हिस्सा।5. Anorexia- भूख बिल्कुल ही नहीं लगती। कुछ खाने की इच्छा नहीं होती। खाना आधे से भी कम हो जाता है। इसकी वजह से थकावट सी बहुत ही ज्यादा महसूस होती है।

6. हेडेक headache-सिर ज्यादा दुखता है। थोड़ी थोड़ी देर बाद रुक रुक कर सिर दुखना जॉन्डिस का लक्षण है।7. कन्फ्यूजन confusion- जब भी बिलिरुबिन की मात्रा बहुत ही ज्यादा हो जाती है, तो वह मस्तिष्क पर बहुत ही बुरा असर डालती है। इसकी वजह से मेंटल कन्फ्यूजन हो जाता है। पेशंट कुछ भी बोलता रहता है। उसे कुछ समझ में नहीं आता। यह बहुत ही सीरियस साइन है। इस में पेशेंट  को एडमिट ही करना  पड़ता है। 8. पेशेंट के पैर और पेट दोनो ही सूज जाते हैं।

पीलिया की दवा । about jaundice in hindi treatment ।

1. आरोग्यवर्धिनी वटी-चार गोलियां सुबह और शाम खाने के बाद। +कुमारी आसव नंबर वन- चार चम्मच कुमारी आसव  चार चम्मच पानी में मिलाकर सुबह दोपहर को और शाम को +अभयारिष्ट- चार चम्मच अभयारिष्ट चार चम्मच पानी में मिलाकर सुबह दोपहर को और शाम को।यह एक लाइन ऑफ ट्रीटमेंट है । यह 3 औषधि एकसाथ लेनी है।

2. Akarliv टेबलेट- (अर्कशाला सातारा) 3 टैबलेट्स सुबह दोपहर को और शाम को खाने के बाद। इसके साथSyp jondex जौंडेक्स sandu कंपनी की आती है तीन चम्मच जौंडेक्स सिरप 3 चम्मच पानी में मिलाकर सुबह और दोपहर को और शाम को। यह दोऔषधि आप एक साथ ले सकते हैं। और इसके बजाय

3. टैबलेट लिव-52 डी एस( हिमालया) बहुत ही फेमस है। बहुत लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। दो गोलिया सुबह दोपहर को और शाम को।+Tab. पुनर्नवा मंडूर – दो गोलियां सुबह दोपहर को और शाम को खाने के बाद।

    piliya ka ilaj

ऊपर दिए हुए किसी भी एक औषधि प्रकार का आप इस्तेमाल कीजिए। सारी औषधि एक साथ मत लीजिए। और इनके साथ आप एलोपैथिक औषधि भी ले सकते हैं।टेबलेट सिलिबाॅन t. Sylibon सिली मेरिन140mg एक टेबलेट सुबह और  शाम को खाने के बाद।इंजेक्शन न्यूरोकाइंड फोर्ट inj. Neurokind forte इसका 5 इंजेक्शन का कोर्स होता है।

अल्टरनेट डे 1 दिन बाद इंजेक्शन लेना होता है। 10 दिन में 5 इंजेक्शन कंप्लीट करने होते हैं।पीलिया ठीक होने के लिए लिवर को बहुत ही ज्यादा मात्रा में शुगर की आवश्यकता होती है। इसके लिए आप रोज ग्लूकोन डी पाउडर पानी में मिलाकर आप जितना मर्जी चाहे ले सकते हैं।

    Precautions about jaundice in hindi

दारू अल्कोहल और नॉनवेज आपको पूरी तरह से 6 महीने के लिए बिल्कुल ही बंद करना है। नहीं तो पीलिया बहुत ही ज्यादा हो सकता है। और आपकी जान भी खतरे में आ सकती है। कुछ लोग देसी उपाय ही करते रहते हैं और डॉक्टर के पास नहीं जाते। तो आपको डॉक्टर को दिखाना बहुत ही जरूरी है। उनकी सलाह से ही आप औषधि  लिजिये। क्योंकि हिपेटाइटीस बी और सी वायरस और ऑब्स्ट्रक्टिव जौंडिस बहुत ही खतरनाक होते हैं और उनका डायग्नोसिस सिर्फ डॉक्टर ही कर सकते है।

About jaundice in hindi । stay fit stay healthy ।

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