Depression meaning in hindi

Do you know depression meaning in hindi ?

Depression meaning in hindi – आज हम सुशांत सिंह राजपूत को हुई बीमारी के बारे में जानकारी लेंगे । सुशांत सिंह राजपूत को डिप्रेशन हुआ था । यह आप सब लोगों को पता ही है । इसी वजह से उन्होंने सुसाइड किया था । तो अब हम डिप्रेशन के लक्षण डिप्रेशन के कारण और डिप्रेशन की ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से जानेंगे।

आज की फास्ट लाईफ स्टाइल , वर्क लोड, काम का टेंशन, जल्दी से अमीर होने की चाहत इसी वजह से डिप्रेशन की समस्या बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है । डिप्रेशन बहुत ही आम हो गया है ।

यह किसी को भी हो सकता है । कुछ लोगों को तो पता भी नहीं होता कि वह डिप्रेशन के शिकार है। तो सब लोगों के लिए डिप्रेशन के लक्षण जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है। let’s know depression meaning in hindi । डिप्रेशन के लक्षण और डिप्रेशन का पक्का इलाज ।

Symptoms of depression meaning hindi । डिप्रेशन का लक्षण।

वह इंसान होपलेस hopeless हो जाता है । होपलेस यानी निराशावादी उसे जिंदगी से कोई भी उम्मीद नहीं रहती । वह जिंदगी से परेशान हो जाता है। मुझे जीने की कोई चाहत नहीं रहती ऐसा वह बोलता है , वह सदा उदास और अकेला ही रहने लगता है।

वह फ्रेंड्स और फैमिली से दूर रहता है। कभी भी किसी भी फंक्शन में , या फिर पार्टी में नहीं जाता । एंजॉय नहीं करता, सिर्फ अकेला बैठा रहता है।

लैक ऑफ़ सेक्स ड्राइव lack of sex drive में सेक्स की इच्छा बहुत ही कम हो जाती है। सेक्स एनी संभोग । संभोग की इच्छा इतनी कम हो जाती है कि उनको संभोग निरस लगने लगता है । कुछ लोग तो पूरी तरह से नपुंसक हो जाते हैं।

उनको नींद बहुत ही ज्यादा आती है । वह हमेशा ही सोते रहते हैं । रात में दिन में वह सोते रहते हैं। और सुबह देर तक सोते हैं और फिर भी ऑफिस में सोएंगे । काम करते वक्त भी सोएंगे ।

सुसाइडल टेंडेंसी suicidal tendencies- उन में सुसाइडल टेंडेंसी पाई जाती है । उनके मन में सदा ही आत्महत्या करने का विचार आता रहता है । वह अपने फ्रेंड्स और फैमिली को बोलते भी है कि मुझे आत्महत्या करनी है।

आत्महत्या करने वाला सुशांत राजपूत ने भी ऐसा ही कहा था और बाद में आत्महत्या की थी। और वह आत्महत्या कर भी सकते हैं , इसीलिए जल्दी से उस पर ध्यान देना बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

उनकी भूख बहुत ही ज्यादा बढ़ती है। वह सदा खाती ही रहते हैं । ज्यादा खाने से उनका वजन भी बढ़ता है । वह बहुत ही बिजी हो जाते हैं । वह lazy यानी आलसी हो जाते हैं । काम करने पर उनका मन नहीं होता । कुछ भी काम नहीं करते ।

उनको बहुत ज्यादा हेल्थ प्रॉब्लम सताते थे । आज बोलेंगे कि मेरा सिर दुख रहा है , कल बोलेंगे कि मुझे बुखार आया है , परसों बोलेंगे कि हाथ पैर में दर्द है । उनकी हर रोज कोई न कोई तकलीफ चलती ही रहते हैं । कुछ लोगों को एक साथ बहुत ही ज्यादा तकलीफ होती है। उन लोगों को एक साथ पेशाब में जलन , छाती में दुखना और पैन सुन्न पड़ना ऐसे कई लक्षण दिखाई पड़ते हैं।

दरअसल इन लक्षणों का आपस में कोई भी संबंध नहीं है। यह लक्षण अलग-अलग है। असल में उनको कोई भी परेशानी नहीं हुई होती , वह बीमार नहीं होते । सिर्फ उनको लगता है कि मुझे ऐसा हुआ है , क्योंकि वह डिप्रेशन के शिकार होते हैं ।और डिप्रेशन की वजह से ही उनको लगता है कि उनको बहुत सारी बीमारियां हो गई है।

डिप्रेशन का पक्का इलाज। treatment of depression meaning in hindi ।

ऊपर की कोई भी लक्षण अगर आप में और आपके परिजनों में दिखाई दे: तो आपको तुरंत ही साइकैटरिस्ट psychiatrist यानी मानस उपचार पज्ञ को दिखा लेना चाहिए। वह आपको एंटीडिप्रेसेंट और anxiolytic गोलिया देंगे । गोलियों के साथ-साथ behavioral थेरेपी और साइकोथेरेपी psychotherapy भी दी जाती है । वह भी बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

Behavioral therapy in hindi

इसमें लेक्चर होते हैं , कीर्तन होते हैं , उन लेक्चर में माइंड को शांत किया जाता है। माइंड को डायवर्ट किया जाता है । उनमें मोटिवेशनल स्पीच होती है। जिससे बीमार के अंदर पॉजिटिव एनर्जी आ जाती है ।इसी वजह से उनमें जीने की आशा वापस आ सकती है।

इसमें और मेडिटेशन योगा और ध्यान धारणा भी दी जाती है । रोज मरीज को आधा घंटा योगा , या फिर मेडिटेशन करना ही चाहिए । और ध्यान लगाकर बैठना चाहिए । इससे माइंड फ्रेश हो जाता है और जीने की चाहत वापस आती है।

Electroconvulsive therapy in hindi । शाॅक थेरपी

अगर मेडिसिन और ऊपर की किसी भी उपाय से बीमारी ठीक ना हो तो, इसका फाइनल इलाज है, shock treatment ( electroconvulsive therapy) यानी इलेक्ट्रोकंवल्सिव थेरेपी इसे हिंदी में शाॅक देना भी कहते हैं। इससे पेशेंट ठीक होने के चांसेस हंड्रेड परसेंट तक बढ़ जाते हैं।

ऐसी ट्रीटमेंट पूरी तरह से पेनलेस होती है। इसमें बिल्कुल भी दर्द नहीं होता । जैसे की फिल्मों में दिखाया जाता है कि शाॅक देते वक्त स्पेशल बहुत ही चीखता चिल्लाता है। तो यह सरासर झूठ है। यह ट्रीटमेंट देते वक्त बिल्कुल भी दर्द नहीं होता।

डिप्रेशन यह बिल्कुल ही साधारण बीमारी है । यह किसी को भी हो सकती है। इससे घबराने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। अगर ऊपर के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत ही साइकैटरिस्ट यानी मानसोपचार तज्ञ को दिखा दीजिए । तभी आपकी बीमारी पूरी तरह से ठीक होगी। वरना बढ़ती ही चली जाएगी।

इसके ट्रीटमेंट में 1 से 2 साल का वक्त भी लग सकता है। इसलिए डॉक्टर को रेगुलर दिखाना ही पड़ेगा । जो उन्होंने औषधियां दी है वो टाइम टू टाइम लेनी पड़ेंगे । और जो लेक्चर अटेंड करने के लिए बोले हैं , साइकोथेरेपी दी है, उसे भी आप अच्छी तरह से फॉलो करेंगे । तब आप हंड्रेड परसेंट ठीक हो सकते हैं।

Depression meaning in hindi explained. Nak se khun aana

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