Diabetes insipidus in hindi
Diabetes insipidus in hindi आज का ब्लॉग का विषय है डायबिटीज इनसिपिडस। डायबिटीज के दो प्रकार होते हैं । पहला डायबिटीज मलाईटस diabetese mellitus और दूसरा डायबिटीज इनसिपिडस diabetes insipidus । दोनों का आपस में कोई भी संबंध नहीं है । दोनों ही टोटली अलग बीमारियां है।
जो डायबिटीज मलाईटस है , उसमें शुगर लेवल ब्लड शुगर लेवल बढ़ती है और यूरिन शुगर लेवल भी बढ़ती है । जिसे हम डायबिटीज कहते हैं वह डायबिटीज मलाईटस होता है। आज हम डायबिटीज insipidus यानी मूत्रमेह के बारे में पूरी जानकारी लेंगे । मूत्रमेह के लक्षण कौन-कौन से हैं? उसके कौन-कौन से कारण है और उसकी ट्रीटमेंट भी हम देखेंगे। diabetes insipidus in hindi ।
Diabetes insipidus symptoms in hindi
Excessive urination- एक्सेसिव यूरिनेशन यानी पिशाप को बहुत ही ज्यादा होना। यह इसका सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण लक्षण और यह डायग्नोस्टिक फीचर भी है । इससे हम पता लगा सकते हैं कि किसी को मूत्रमेह है कि नहीं। नॉर्मल इंसान में 1 से 2 लीटर तक पेशाब होता है। लेकिन मूत्रमेह के पेशेंट में 24 घंटे में 10 से 20 लीटर तक भी पेशाब हो सकता है । बार-बार पेशाब को जाना पड़ता है और एक बार में बहुत ही ज्यादा मात्रा में होता है।
Excessive thirst – एक्सेसिव थर्स्ट यानी प्यास बहुत ज्यादा लगना । ज्यादा पेशाब होने की वजह से शरीर का पानी कम हो जाता है। और शरीर का पानी की कमी पूरा करने के लिए बहुत ही ज्यादा प्यास लगती है । आदमी बार-बार पानी पीता है और ठंडा पानी पीने का मन करता है।
रात को बार बार पेशाब को उठना पड़ता है । इसमें नींद पूरी नहीं होती। इसके साथ-साथ फीवर यानी बुखार आना, vomiting यानी उल्टी आना, हाइपरएसिडिटी यह तकलीफ भी दिखाई देती।
कुछ लोगों में सड़न वेट लॉस, यानी अचानक से वजन कम हो जाता है । और प्रयास करने पर भी वजन नहीं बढ़ता । कुछ बच्चों में delayed ग्रोथ दिखाई देती है । बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते और वह अपने उम्र के हिसाब से बहुत ही छोटे दिखते हैं।
Diabetes insipidus causes in hindi
इसका महत्व पूर्ण कारण है ADH ए डी एच हार्मोन की कमी । ए डी एच हार्मोन यानी एंटीड्यूरेटिक हार्मोन antidiuretic hormone । यह हार्मोन पेशाब कंट्रोल करने का काम करता है ।इसकी अगर कमी हो जाए तो पिशाप बहुत ही ज्यादा मात्रा में आता है और मूत्रमेह का कारण बन जाता है।
इसके दूसरे कारण है हेड इंजरी, ब्रेन सर्जरी, ब्रेन ट्यूमर, gonadotropin releasing hormone deficiency- गोनेडोटरोपिन रिलीजिंग हार्मोन की कमी । अगर ब्लड में पोटेशियम की लेवल कम हो जाए तो भी ऐसा होता है। और ब्लड में कैल्शियम की लेवल बढ़ जाए तो भी ऐसा होता है । किडनी फेल हुआ, अगर किडनी खराब हो जाए तब भी मूत्रमेह होता है। और अंत का कारण है जेनेटिक यानी अनुवांशिक कारण । यानी एक ही फैमिली में पिता बेटा और पोते को हो सकता है।
Diabetes insipidus treatment in hindi
डबल डीएवीपी ( DDAVP) और DESMOPRESSINE यह दोनों ए डी एच हार्मोन के सिंथेटिक एनालॉग हैं । इसका मतलब है यह ADH जैसे ही काम शरीर में जाकर करते हैं । और ए डी एच की कमी पूरा करते हैं । इसके नाजल स्प्रे आता है जो नाक में डालना होता है। कुछ सीरियस पेशेंट के लिए इसका इंजेक्शन भी आता है।
ऊपर के जो मैंने कारण बताइए हैं अगर वह कारण हो, जैसे कि ग्रोथ हार्मोन की कमी हो, तो ग्रोथ हार्मोन देने से बीमारी कम हो जाती है। potassium की कमी में पोटेशियम देने से, अगर कैल्शियम ज्यादा हो तो कैल्शियम कम करने से मूत्रमेह कम हो जाता है। ब्रेन ट्यूमर निकालने से और किडनी फेल्युअर की ट्रीटमेंट लेने से भी मूत्रमेह कम हो जाता है।
आपको कैसा पता चलेगा कि आपको मूत्रमेह है कि नहीं? अगर आपको यूरिन को बार-बार हो रही हो और एक बार बहुत ही ज्यादा हो रहे तो । आप क्या करें कि एक बर्तन में ही पिशाप करें । 24 घंटे में सिर्फ उसी में ही पेशाब करें । और 24 घंटे के बाद उसे नाप ले । अगर 5 से 6 लीटर से ज्यादा आपको पिशाप हो रहा हो तो यह मूत्र में है की शुरुआत हो सकती है। और आपको आपके फैमिली डॉक्टर को दिखाना ही पड़ेगा।