Sar dard ki dawa

Sar dard ki dawa

Sar dard ki dawa – Sir dard ka ilaj – सिरदर्द- सिर दुखना बहुत ही आम बात है।  यह किसी छुटपुट बीमारी से लेकर कई जानलेवा बीमारियों का लक्षण हो सकता है। सिर दुखने के कारण बहुत सारे होते हैं । तो आपके लिए ही यह जानना बहुत जरूरी है कि, आपका सिर कौन से कारण से दुख रहा है। कब आपको इमरजेंसी में एक्शन लेनी चाहिए। sar dard ki dawa और कब आपको सिर दुखने के ऊपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। 

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सिरदर्द के प्रकार । sar dard ke prakar ।

अब तो  सिर दुखने के दो प्रकार होते हैं । acute headache and chronic headache अगर सिर्फ कुछ ही घंटों पहले से सिर दुख रहा हो, अभी अभी दुख रहा हो , इससे पहले कभी भी नहीं दुखा हो। तो उसे acute headache कहते हैं।


 इनका कारण होता है वायरल फीवर, सर्दी खासी , बुखार इन सब छुटपुट बीमारियों में सिर दुखता है। तो वायरल फीवर और सर्दी खासी के साथ सिर दुख रहा हो तो आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। आप अपने फैमिली डॉक्टर से जाकर ट्रीटमेंट ले सकते हैं। और ठीक हो सकते हैं।


लेकिन अगर आपको सर्दी, जुकाम या फिर बुखार नहीं हो रहा हो । और सिरदर्द अचानक से बहुत ही ज्यादा दुख रहा हो। सिर दर्द के साथ उल्टी आना, दिखाई कम देना, पैरालिसिस यानी कि एक बाजू का हाथ पैरों की ताकत कम होना। ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हो तो आपको तुरंत ही अस्पताल में  दिखाना पड़ेगा।


डॉक्टर आपका सिटी स्कैन या फिर MRI निकालेंगे और पता करेंगे कि इसका कारण क्या है। यह सब मेनिनजाइटिस , यानी ब्रेन फीवर और ब्रेन हेमरेज यानी मस्तिष्क के भीतर होने वाला रक्त स्त्राव । इन सब की वजह से भी हो सकता है। यह सब जानलेवा बीमारियां है।


इसके अलावा भी एक बड़ी बीमारी है उसका नाम Glaucoma ग्लूकोमा है।  उसका लक्षण क्या है कि उसमें आंख लाल हो जाती है । जो आंख लाल है उसी साइड का सिर दर्द होता है। और आँख  भी ज्यादा दुखती हैं।  तो आपको इस कंडीशन में ophthalmologist  आँख  के डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा। 

Chronic headache 

क्रॉनिक हेडेक-  अगर सिर बहुत महीनों से बहुत सालों से दुख रहा हो तो उसे chronic headache कहते है। उसके भी 2 प्रकार है। 

Chronic recurrent headache – 

सिर बहुत महिनों तक दुखता है। इसमें 10 – 15 दिन न दुखता हो और फिर से रुक-रुक कर दुखना शुरू होता है।  तो उसे क्रॉनिक रीकरंट हैडेक कहते हैं। 
क्रॉनिक रिकरेंट हैडेक का सिर्फ एक ही कारण होता है। वह है माइग्रेन migrain। माइग्रेन होने पर ही ऐसा दुखता है । आपको इसके लिए 3 महीने का कोर्स करना पड़ेगा ।  उसके लिए आपको कंसलटेंट को ही दिखाना पड़ेगा।

Chronic persistent headache-

 क्रॉनिक परसिस्टेंट हेड़ेक। इसमें  सिर बहुत ही महीनों से बहुत सालों से कंटिन्यूस दुखता है। कभी कम दुखता है कभी ज्यादा दुखता है लेकिन दिन में एक बार तो दुखता ही है। उसे क्रॉनिक परसिस्टेंट हैडेक कहते हैं। इसके तीन महत्वपूर्ण कारण होते हैं।


A> पहले साइनोसाइटिस sinusitis –  जिनको एलर्जी सर्दी जुकाम होता है, उनमें यह समस्या पाई जाती है।साइनस एक प्रकार का खोखला और hollow भाग होता है।  जो आंख के आजू-बाजू में एरिया में, नाक के आजू-बाजू के एरिया में पाया जाता है। जो नाक के बाजू की हड्डियों का खोखला जो भाग होता है बीच का। उसे साइनस कहते हैं।


 सर्दी जुकाम के पेशेंट में ज्यादा सर्दी होने पर ,सर्दी साइनस में जमा हो जाती है । उसका इंफेक्शन हो जाता है । और साइनोसाइटिस की बीमारी होती है। इसका लक्षण है सिर दर्द, इसमें सिर्फ आधा ही दर्द करता है। एक साइड का ।


 सुबह को सिर दर्द ज्यादा होता है और शाम को कम होता है।  जिधर का sinusitis साइनस है उस साइनस पर भी tenderness  होता है।  इसका मतलब उधर दबाने पर दुखता है। खास ने पर या फिर आगे झुकने पर साइनस के ऊपर पेन होता है।

Tension headache in hindi


B>टेंशन हैडेक – यह ज्यादा तान तनाव की वजह से होता है। यह सिर दर्द का प्रकार सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसके लक्षण है कि, यह रात को ज्यादा दुखता है । शाम के बाद माथे पर ज्यादा दुखता है । माथे पर हल्के हाथ से दबाने पर पेशेंट को अच्छा लगता है। यह लेडीस में ज्यादा पाया जाता है।


C> आई स्ट्रेन हेडेक eye strain headache  – इसमें आंखों के ऊपर तनाव स्ट्रेन आ जाने से सिर दर्द होता है।जो लोग कंप्यूटर और टीवी पर ज्यादा देर तक काम करते हैं। या फिर टीवी देखते हैं, सिलाई का काम करते हैं , किताबें पढ़ते हैं उनमें यह पाया जाता है । 


इसका लक्षण क्या है ?आंखों से पानी आना , काम करते वक्त आंख दुखना और सिर दर्द होना। आपको तुरंत ही आपका आंखों का नंबर चेक करना चाहिए। आंखों का नंबर निकाल कर चश्मा बना लीजिए। और चश्मा हमेशा यानी दिनभर पहन लीजिए। तो आपका आइस्ट्रेन  हैडेक ठीक हो जाएगा।  यह बच्चों और यंग एडल्ट्स में ज्यादा पाया जाता है।


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