Side effects of self medication in hindi
Side effects of self medication in hindi – दिल्ली से एक शॉकिंग न्यूज़ आई है,जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। मेडिकल स्टोर के काउंटर पर बैठे हुए शख्स ने एक गलत दवाई दी तो 2 साल के मासूम लड़की को रिएक्शन हो गया। खून की उल्टी के साथ उभ उस रिएक्शन से उसकी जान चली गई।
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यह घटना दिल्ली के शाहदरा इलाके की है। बच्चे को मामूली बुखार और खांसी हुई थी। मां ने सिर्फ एक गलती कर दी। उसे डॉक्टर के पास ले जाने के बजाय मेडिकल स्टोर पर चली गई। वहां जो शख्स बैठा था उसने जो दवाई उनको दी, उसे बिना सोचे समझे उस मासूम को खिला दिया। पुलिस ने अभी जांच पड़ताल कर ली है।
पुलिस के अनुसार गलत दवाई दी जाने की वजह से रिएक्शन होने के कारण मासूम की जान चली गई। राजधानी दिल्ली से आई हुई यह खबर हर इंसान के लिए सबक है। अगर मामला बच्चों का हो तो हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
Moral of this news
इस घटना से आप सब लोगों को एक सबक लेना चाहिए। कि खुद से ही मेडिकल में से दवाई लेना खतरे से खाली नहीं है। इसमें आपकी जान भी जा सकती है। दवाई देते समय पेशेंट की आयु, उसका वजन, पुरानी बीमारियां जैसे कि बीपी, शुगर, अस्थमा इनका ध्यान रखना पड़ता है। किसी पेशेंट को किसी औषधि का पहले से रिएक्शन है या नहीं यह भी देखना पड़ता है। छोटे बच्चों का तो खासकर ध्यान रखना पड़ता है। उनके वेट के हिसाब से ही उनका डोस एडजेस्ट किया जाता है।
डॉक्टरों ने यही सब सीखने के लिए 6 से 7 साल लगाए हुए होते हैं। उनको इसके बारे में पूरी साइंटिफिक जानकारी होती है। लेकिन यह जानकारी केमिस्ट को या फिर उन में बैठे हुए लोगों को नहीं होती। कुछ मेडिकल स्टोर में तो दसवीं पास लड़का लड़की दवाइयां देते हैं। उनको तो दवाइयों के बारे में कुछ भी पता नहीं होता। यह सब आपकी जान के साथ खिलवाड़ है और पूरी तरह से गैरकानूनी भी।
Causes of self medication
कुछ लोग तो डॉक्टर की फीस बचाने के चक्कर में खुद ही मेडिकल स्टोर में जाकर गोलियां ले लेते हैं। इसे self-medication कहते हैं। ऐसा भी नहीं करना चाहिए। ज्यादातर आप एसिडिटी और बुखार, सिर दर्द के लिए 1-2 गोली ज्यादातर मेडिकल में से ले सकते हैं। इमरजेंसी के लिए घर पर रख सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा आपको 2 दिन तक आपने खुद से या फिर मेडिकल स्टोर से दी हुई दवाई लेनी चाहिए। उससे ज्यादा कभी भी आप self-medication ना करें।
कुछ लोग तो क्या करते हैं कि 10- 12 दिन तक दवाई मेडिकल में से खाते ही रहते हैं। उसके बाद भी अगर बीमारी कम नहीं हुई, तब ही डॉक्टर को दिखाते हैं। तब बीमारी बढ़ चुकी होती है। फिर वो डॉक्टर को कहते हैं कि बीमारी जल्दी से ठीक होनी चाहिए। ऐसा कभी भी नहीं हो सकता। मेडिकल एक सायंस है कोई जादू टोना नहीं जो झठ़ से ठीक हो जाए।
किसी भी बीमारी का इलाज अगर वक्त पर हो तो वह जल्दी से ठीक होती है। अगर बीमारी बहुत ही ज्यादा हो गई, ज्यादा दिनों से हो तो उसे ठीक लगने के लिए समय लगता ह। फिर भी अगर बीमारी ठीक होनी होगी तो ठीक हो हो जाएगी।
डॉक्टरों को न दिखाकर आप ज्यादा देर तक, दिनों तक घर बैठेंगे और अगर बीमारी हाथों से बाहर हो गई; या फिर उसने बहुत ही बड़ा रूप ले लिया; तो कंट्रोल कर पाना और बीमारी को ठीक कर पाना भी मुश्किल हो जाएगा। अब यह बीमारी अगर ठीक नहीं हुई तो आप डॉक्टर को ही जिम्मेदार ठहरायेंगे। लेकिन असल में आप खुद ही जिम्मेदार होते हैं।
खुद से ही मेडिसिन ना खरीदें । side effects of self medication in hindi ।
इसके आगे आपको यह ध्यान रखना है, कि सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही दवाई खाएं। बगैर डॉक्टर को दिखाएं मेडिकल में से खुद से दवाई लेकर ना खाएं। कुछ मेडिकल्स वाले विदाउट प्रिसक्रिप्शन दवाई देते हैं। यह गैरकानूनी है। कई दुकानदार ऐसा पैसों के लालच में आकर करते हैं। डॉक्टर द्वारा दी गई औषधि का कोर्स पूरा करें। उन्होंने जितनी दिनों तक औषधि दी है, जितनी मात्रा में दी हो,उसे ना चुकते हुए खाएं। तो आप जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएंगे और आपकी जान को भी कोई खतरा नहीं बनेगा।
Stay fit stay healthy । side effects of self medication in hindi explained .